Visheshan ke Bhed: हिंदी व्याकरण में विशेषण के कितने भेद होते हैं? जानिए यहां।

By Khushi Sharma

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नमस्ते दोस्तों! मैं खुशी शर्मा आज के ब्लॉग में हम आपका स्वागत करते हैं। इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि Visheshan ke Bhed हिंदी व्याकरण में विशेषण के कितने भेद होते हैं? जानिए यहां। इस विषय पर हम विस्तार से जानकारी देंगे। भाषा एक साधारण धारणा है, जिसके अनुसार हम अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। भाषा में विशेषण का खास महत्व होता है, और इसलिए इस लेख में हम विशेषण के भेदों को समझाने का प्रयास करेंगे। चलिए, आगे बढ़ते हैं।

विशेषण से संबंधित प्रश्न SSC, NTPC, SSC CGL, UPSC, TET, SSC stenographer आदि जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं। इसलिए, यह ब्लॉग महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विशेषण के बारे में हमारे पाठकों के लिए जानकारी प्रदान करेगा। आइए अब हम जानते हैं विशेषण के बारे में बने रहिये हमारे साथ इस लेख में अंत तक।

Visheshan ke Bhed

Visheshan ke Bhed

Visheshan ke Bhed: दोस्तों, इस ब्लॉग में हम आपके साथ साझा करेंगे कि विशेषण के कितने भेद होते हैं? हिंदी व्याकरण में विभिन्न विषय जैसे समास, संधि, मुहावरे, उपवाक्य, पर्यायवाची शब्द, वर्ण विच्छेद, विलोम शब्द, अनेकार्थी शब्द आदि के बारे में हम पढ़ते हैं। इनमें से एक टॉपिक है विशेषण, जिसके बारे में छोटी से बड़ी कक्षाओं तक पूछा जाता है।

Visheshan ke Bhed

Visheshan Kise Kehte Hai

विशेषण शब्द का मतलब है – विशेषण की विशेषता को दिखाने वाला शब्द। संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को हम विशेषण कहते हैं।

उदाहरण के लिए :-

  • छोटा लड़का
  • मोटा लड़का
  • सुंदर चित्र
  • गोरा वर्ण
  • ईमानदार व्यक्ति 
  • लंबा आदमी
  • काला साँप
  • लाल कपड़ा आदि। 
Visheshan ke Bhed

Visheshan Ki Paribhasha

परिभाषा:- विशेषण वे शब्द होते हैं जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द संज्ञा या सर्वनाम के गुण, संख्या, परिमाण, रूप, रंग, आकार आदि का बोध कराते हैं।

उदाहरण:

  1. सुंदर लड़की
    • यहाँ ‘सुंदर’ विशेषण है जो ‘लड़की’ की विशेषता बता रहा है।
  2. लाल गाड़ी
    • यहाँ ‘लाल’ विशेषण है जो ‘गाड़ी’ का रंग बता रहा है।
  3. तीन किताबें
    • यहाँ ‘तीन’ विशेषण है जो ‘किताबें’ की संख्या बता रहा है।
  4. बड़ा घर
    • यहाँ ‘बड़ा’ विशेषण है जो ‘घर’ का आकार बता रहा है।

इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की विशेषताएँ बताते हैं।

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Visheshan ke Bhed

Visheshan Ke Bhed Bataiye

Visheshan ke Bhed: विशेषण के कितने भेद होते हैं? विशेषण के चार भेद होते हैं। हिंदी व्याकरण में विशेषण बहुत महत्वपूर्ण है। व्याकरण के अनुसार, किसी भी संख्या या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। एक विशेषण वाक्य का एक हिस्सा होता है जिससे हमें अधिक जानकारी या विवरण मिलता है, जो एक वाक्य में विषय के रूप में कार्य करता है। क्रिया के बाद या संज्ञा से पहले विशेषण पाए जाते हैं।

Visheshan ke Bhed

Visheshan Ke Kitne Bhed Hote Hai

विशेषण के 4 भेद निम्नलिखित है:-

1. गुणवाचक विशेषण
2. संख्यावाचक विशेषण
3. परिणामवाचक विशेषण
4. संकेतवाचक विशेषण
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Visheshan ke Bhed

Visheshan Ke bhed Udaharan Sahit

गुणवाचक विशेषण, संख्यावाचक विशेषण, परिणामवाचक विशेषण, और संकेतवाचक विशेषण हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण अंग हैं। आइए इन सभी प्रकार के विशेषणों को विस्तार से समझते हैं:

1. गुणवाचक विशेषण

गुणवाचक विशेषण वे विशेषण होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम के गुणों को व्यक्त करते हैं। यह संज्ञा या सर्वनाम की विशेषताएं, रंग, आकार, अवस्था, आदि को बताने का काम करते हैं।

उदाहरण:

  • सुंदर बगीचा (बगीचा कैसा है? सुंदर)
  • काला कुत्ता (कुत्ता कैसा है? काला)
  • बड़ा घर (घर कैसा है? बड़ा)

गुणवाचक विशेषणों के मुख्य बिंदु:

  • यह संज्ञा या सर्वनाम के गुणों को दर्शाते हैं।
  • यह संज्ञा या सर्वनाम की विशेषताएं बताते हैं जैसे सुंदर, छोटा, लंबा, आदि।

गुणवाचक विशेषण के प्रकार:

  • भाववाचक विशेषण: जैसे – अच्छा, बुरा, प्यारा, सुंदर, आदि।
  • रंगवाचक विशेषण: जैसे – लाल, सफेद, काला, पीला, आदि।
  • आकारवाचक विशेषण: जैसे – छोटा, बड़ा, लंबा, चौड़ा, आदि।
  • स्थिति/दशावाचक विशेषण: जैसे – खुश, गुस्सैल, बीमार, आदि।

2. संख्यावाचक विशेषण

संख्यावाचक विशेषण वे विशेषण होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या, मात्रा, या क्रम को बताते हैं।

उदाहरण:

  • तीन सेब (सेब कितने हैं? तीन)
  • पहला छात्र (छात्र किस क्रम में है? पहला)
  • कुछ लोग (लोग कितने हैं? कुछ)

संख्यावाचक विशेषणों के मुख्य बिंदु:

  • यह संज्ञा या सर्वनाम की संख्या को दर्शाते हैं।
  • यह संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा या क्रम को बताते हैं जैसे एक, दो, पहला, दूसरा, आदि।

(i) निश्चित संख्यावाचक विशेषण (Definite Numerical Adjectives):
यह संख्याओं का स्पष्ट रूप में निर्धारण करते हैं, जैसे – एक, दो, तीन, आदि।

(ii) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण (Indefinite Numerical Adjectives):
यह अनिश्चित संख्या को दर्शाते हैं, जैसे – कई, कुछ, बहुत, आदि।

3. परिणामवाचक विशेषण

परिणामवाचक विशेषण वे विशेषण होते हैं जो किसी कार्य या घटना के परिणाम को बताते हैं। यह विशेषण उस क्रिया का प्रभाव या नतीजा बताते हैं।

उदाहरण:

  • थका हुआ मजदूर (मजदूर कैसा है? थका हुआ)
  • टूटा हुआ खिलौना (खिलौना कैसा है? टूटा हुआ)
  • पका हुआ आम (आम कैसा है? पका हुआ)

परिणामवाचक विशेषणों के मुख्य बिंदु:

  • यह क्रिया के परिणाम को दर्शाते हैं।
  • यह विशेषण उस क्रिया का प्रभाव या नतीजा बताते हैं जैसे पका हुआ, थका हुआ, टूटा हुआ, आदि।

(i) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण (Definite Quantitative Adjectives):
यह किसी वस्तु की पूरी मात्रा को दर्शाते हैं, जैसे – एक किलो, दो किलो, तीन सेर आदि।

(ii) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण (Indefinite Quantitative Adjectives):
यह किसी वस्तु की अनिश्चित मात्रा को दर्शाते हैं, जैसे – थोड़ा, बहुत, कुछ, कुछ भी आदि।

4. संकेतवाचक विशेषण

संकेतवाचक विशेषण वे विशेषण होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम का संकेत करते हैं। यह संज्ञा या सर्वनाम को पहचानने या इंगित करने के लिए प्रयोग होते हैं।

उदाहरण:

  • यह पुस्तक (कौन सी पुस्तक? यह)
  • वह लड़का (कौन सा लड़का? वह)
  • वही समस्या (कौन सी समस्या? वही)

संकेतवाचक विशेषणों के मुख्य बिंदु:

  • यह संज्ञा या सर्वनाम का संकेत करते हैं।
  • यह संज्ञा या सर्वनाम को पहचानने या इंगित करने के लिए प्रयोग होते हैं जैसे यह, वह, वही, आदि।

Visheshan ke Bhed: इन सभी प्रकार के विशेषणों का उपयोग हिंदी भाषा में संज्ञा और सर्वनाम के गुण, संख्या, परिणाम, और संकेत बताने के लिए किया जाता है। यह विशेषण भाषा को अधिक स्पष्ट और सजीव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Visheshan ke Bhed

Visheshan Ke Bhed Chart

विशेषणों की तालिका (Adjectives Table)

प्रत्यय (Suffix)आधार शब्द (Base Word)विशेषण (Adjective)अर्थ (Meaning)
‘ई’ प्रत्ययशहर (City)शहरी (Shahri)Urban
भीतर (Inside)भीतरी (Bheetari)Internal
क्रोध (Anger)क्रोधी (Krodhi)Angry
‘इक’ प्रत्ययशरीर (Body)शारीरिक (Sharirik)Physical
मन (Mind)मानसिक (Mansik)Mental
अंतर (Difference)आंतरिक (Aantarik)Internal
‘मान्’ प्रत्ययश्री (Shri)श्रीमान् (Shriman)Respected
बुद्धि (Intelligence)बुद्धिमान् (Buddhiman)Intelligent
शक्ति (Power)शक्तिमान् (Shaktiman)Powerful
‘वान्’ प्रत्ययधन (Wealth)धनवान् (Dhanwan)Wealthy
रूप (Beauty)रूपवान् (Roopwan)Handsome
बल (Strength)बलवान् (Balwan)Strong
‘हार’ प्रत्ययसृजन (Creation)सृजनहार (Srijanhara)Creator
पालन (Nurture)पालनहार (Palanhara)Protector
‘आ’ प्रत्ययरथ (Chariot)रथवाला (Rathwala)Charioteer
दूध (Milk)दूधवाला (Doodhwala)Milkman
भूख (Hunger)भूखा (Bhookha)Hungry
प्यास (Thirst)प्यासा (Pyasa)Thirsty
‘ईय’ प्रत्ययभारत (India)भारतीय (Bhartiye)Indian
स्वर्ग (Heaven)स्वर्गीय (Swargiye)Heavenly
‘ईला’ प्रत्ययचमक (Shine)चमकीला (Chamkile)Shiny
नोंक (Tip)नुकीला (Nukila)Pointed
‘हीन’ प्रत्ययधन (Wealth)धनहीन (Dhanheen)Penniless
तेज (Sharpness)तेजहीन (Tejheen)Dull
दया (Mercy)दयाहीन (Dayahen)Cruel
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धातुज विशेषण (Verbal Adjectives)

आधार क्रिया (Base Verb)विशेषण (Adjective)अर्थ (Meaning)
नहाना (To Bathe)नहाया (Nahaya)Bathed
खाना (To Eat)खाया (Khaya)Eaten
खाऊ (Khaau)Gluttonous
चलना (To Walk)चलता (Chalta)Walking
बिकना (To Be Sold)बिकाऊ (Bikau)Saleable
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अव्ययज विशेषण (Indeclinable Adjectives)

आधार अव्यय (Base Indeclinable)विशेषण (Adjective)अर्थ (Meaning)
ऊपर (Above)ऊपरी (Upari)Upper
भीतर (Inside)भीतरी (Bheetari)Internal
बाहर (Outside)बाहरी (Bahari)External
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Visheshan Words List (List of Adjective Words)

विशेषण शब्द (Adjective Word)अर्थ (Meaning)
काला (Kala)Black
गोरा (Gora)Fair
कायर (Kayar)Coward
वीर (Veer)Brave
बड़ा (Bada)Big
छोटा (Chota)Small
टेढ़ा (Tedha)Crooked
मेढ़ा (Medha)Zigzag
कुरूप (Kuroop)Ugly
ईमानदार (Imandar)Honest
खट्टा (Khatta)Sour
मीठा (Meetha)Sweet
कड़वा (Kadwa)Bitter
अच्छा (Acha)Good
बुरा (Bura)Bad
भारी (Bhari)Heavy
हल्का (Halka)Light
दस-बीस (Das-Bis)Ten-Twenty
लंबा (Lamba)Tall
दयालु (Dayalu)Kind
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Visheshan ke Bhed

Visheshan ka Mahatva

विशेषण ऐसे शब्द होते हैं जो किसी भी नाम या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द हमारे वाक्यों को और भी सुंदर और असरदार बनाते हैं। किसी भी चीज़ की खूबी, रंग, आकार या स्थिति को समझाने में विशेषण का बड़ा योगदान होता है।

विशेषण का उपयोग और महत्व :-

  1. विस्तार से जानकारी देना: विशेषण हमें किसी भी चीज़ के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं। जैसे “सुंदर लड़की” में ‘सुंदर’ शब्द लड़की की खूबसूरती को बताता है।
  2. भावनाएं समझाना: किसी भी स्थिति या वस्तु के बारे में महसूस करने या भावनाएं व्यक्त करने में विशेषण मदद करते हैं। जैसे “गर्म चाय” सुनते ही हमें चाय की गर्मी का अहसास होता है, क्योंकि ‘गर्म’ शब्द इसे और समझने लायक बनाता है।
  3. अच्छा संचार: विशेषण का इस्तेमाल करके हम अपने विचार और भावनाएं साफ और बेहतर तरीके से दूसरों तक पहुंचा सकते हैं। ये वाक्यों को और दिलचस्प बनाते हैं।
  4. रचनात्मक लेखन में मदद: लेखन या बोलने के समय रचनात्मकता बढ़ाने में विशेषण मददगार होते हैं। ये हमारी भाषा को और प्रभावशाली बनाते हैं।
  5. चीज़ों को खास बनाना: विशेषण किसी भी चीज़ की खासियत बताकर उसे अलग और अनोखा बनाते हैं। जैसे “मीठा फल” या “लंबे बाल” में ‘मीठा’ और ‘लंबा’ शब्द उन्हें खास बनाते हैं।

Visheshan ke Bina Bhasha par Asar

अगर हमारी भाषा में विशेषण ना हो, तो भाषा नीरस और साधारण लगने लगती है। हम किसी भी चीज़ की खूबियों को सही से नहीं समझा सकते, और वाक्य सपाट लगते हैं। जैसे अगर हम कहते हैं “यह एक फूल है” तो हम उसकी सुंदरता या रंग की कल्पना नहीं कर सकते इसलिए विशेषण हमारे विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने में बेहद महत्वपूर्ण होते हैं।

Visheshan Ki Tulna

विशेषणों में तीन प्रकार की तुलना होती है, जिनका उपयोग हम वाक्यों में विशेषण के द्वारा विभिन्न वस्तुओं, व्यक्तियों या गुणों की तुलना करने के लिए करते हैं।

  1. मूलावस्था (Positive Degree): इसमें कोई तुलना नहीं होती। यह सामान्य रूप से किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण को दर्शाता है।
    • उदाहरण: यह लड़का सुंदर है।
  2. उत्तरावस्था (Comparative Degree): इसमें दो वस्तुओं या व्यक्तियों के गुणों की तुलना की जाती है। इसके लिए ‘से’, ‘अधिक’, ‘कम’, ‘से बेहतर’ आदि शब्दों का प्रयोग होता है।
    • उदाहरण: राम सीता से अधिक सुंदर है।
  3. अतिशयोक्ति (Superlative Degree): इसमें कई वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है और किसी एक को सबसे श्रेष्ठ या सबसे कमतर दिखाया जाता है।

निष्कर्ष

दोस्तों, इस ब्लॉग में हमने Visheshan ke Bhed हिंदी व्याकरण के विशेषण के बारे में जानकारी दी है। हमने विशेषण के प्रकार, परिभाषा, और महत्व को समझाया है। विशेषण भाषा को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण होता है। इसलिए, विशेषण के बारे में जानकारी हमें अपनी भाषा को समझने में मदद करती है। विशेषण के प्रकारों को समझकर हम अपनी भाषा का उपयोग सही ढंग से कर सकते हैं। इसके अलावा, यह पाठ्यक्रम और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा और आपके लिए उपयोगी साबित होगा।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

1. विशेषण के भेद कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: विशेषण के भेद चार प्रकार के होते हैं।

2. विशेषण के चार भेद कोन-कोन से है?

उत्तर: विशेषण के चार भेद होते हैं- (1) गुणवाचक (2) संख्यावाचक (3) परिमाणवाचक (4) संकेतवाचक।

3. विशेषण क्या है?

उत्तर: विशेषण शब्द वही होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं।

 4. विशेष्य के साथ विशेषण का प्रयोग कितने प्रकार से होता है?

उत्तर: सही विकल्प 3 दो है। कभी विशेषण विशेष्य के पहले आता है और कभी विशेष्य के बाद। जैसे- गौरव ‘चंचल’ बालक है। आरती ‘सुशील’ लड़की है।

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Khushi Sharma

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