Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain

By Khushi Sharma

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हेलो दोस्तों में खुशी शर्मा आज के इस लेख में आपका स्वागत करती हूँ, इस लेख में हम आपके लिए लेकर आये है, परीक्षा से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां देंगे हम इस न्यू ब्लॉग पोस्ट में बात करेंगे Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain हाल ही में चल रही स्कूल महाविद्यालयों की परीक्षा में अक्सर ऐसे प्रश्न पूछे जाते है। जिसके उत्तर आपको इस लेख में देखने को मिलेंगे बने रहिये हमारे साथ अंत तक।

दोस्तों आज के इस लेख में हम बात कर रह है, Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain जैसा की हम सब जानते है की वाक्य भाषा का एक महत्वपूर्ण अंग होता है जो हमारे विचारों को स्पष्टता से व्यक्त करने में सहायक होता है। रचना के आधार पर वाक्य अनेक प्रकार के होते हैं जो भाषा के संरचना में विविधता लाते हैं। इस लेख में हम विभिन्न प्रकार के वाक्यों की विशेषताओं पर विचार करेंगे और विस्तार से जानकारी देंगे।

Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain

Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain

रचना के आधार पर क्या कितने प्रकार के होते हैं, रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं, वाक्य भाषा का मौलिक खंड होता है, जो एक पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। यह हमें संदेश को समझने और संवाद करने की क्षमता प्रदान करता है। वाक्य एक ऐसा समूह होता है जो किसी न किसी अर्थ को समझाने में सक्षम होता है। यह शब्दों का संग्रह होता है जो एक संपूर्ण विचार को व्यक्त करते हैं।

रचना के आधार पर वाक्यों का महत्व

Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain

भाषा और व्याकरण की दृष्टि से, वाक्य एक भाषाई व्यक्ति होता है। पारंपरिक व्याकरण में, इसे शब्दों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो एक पूर्ण विचार या एक विषय और विधेय से बनी एक इकाई को व्यक्त करता है। गैर-कार्यात्मक भाषाविज्ञान में, वाक्य को आमतौर पर वाक्य संरचना की सबसे बड़ी इकाई के रूप में माना जाता है, जैसे कि एक घटक। कार्यात्मक भाषाविज्ञान में, वाक्य को लिखित ग्रंथों के एक सेट के रूप में परिभाषित किया जाता है, जैसे कि अवधियों, प्रश्न चिह्नों और विस्मयादिबोधक बिंदुओं के साथ-साथ बड़े अक्षरों जैसे चित्रमय विशेषताओं द्वारा।

भाषा और व्याकरण की दृष्टि से, एक वाक्य भाषाई अभिव्यक्ति होती है, जैसे कि अंग्रेजी में “द क्विक ब्राउन फॉक्स जंप्स ओवर द लेजी डॉग।” पारंपरिक व्याकरण में, इसे आम तौर पर शब्दों की एक स्ट्रिंग के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो एक पूर्ण विचार प्रकट करती है, या एक इकाई के रूप में एक विषय और भविष्यवाणी करती है।

इन सभी अलग-अलग मिश्रित वाक्यों में, प्रथम वाक्य प्रमुख वाक्य होता है। उसके बाद, बाकी वाक्य उसके अधीनस्थ उपवाक्य कहलाते हैं। नीचे हमने सभी वाक्यों के उदाहरण दिए हैं, जिनसे इन वाक्यों के बीच का अंतर समझा जा सकता है।

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रचना के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?

Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain

रचना की दृष्टि से वाक्य तीन प्रकार के होते हैं: सरल वाक्य, संयुक्त वाक्य, और मिश्र वाक्य। सरल वाक्य में केवल एक ही क्रिया या कर्ता होता है। संयुक्त वाक्य में पहला वाक्य प्रमुख होता है और बाकी के उपवाक्य उसके आधार पर होते हैं। वाक्य भाषा की मूल इकाई होती है जो पूर्ण विचार को व्यक्त करती है। यह सिंटैक्स के व्याकरणिक नियमों का पालन करके ऐसा करता है।

1. सरल या साधारण वाक्य किसे कहते है?

हिंदी में, एक सरल वाक्य ऐसा होता है जिसमें किसी काम, घटना, स्थिति या विचार को सीधे तौर पर व्यक्त किया जाता है। इसमें केवल एक क्रिया होती है जो कारकों के साथ मिलकर वाक्य को पूरा करती है।

सरल वाक्य का पहचान करने के लिए यह देखा जाता है कि उसमें केवल एक कार्य या घटना का वर्णन होता है जो किसी क्रियापद के माध्यम से किया जाता है। इसमें केवल एक क्रियापद होता है और कारकों की आवश्यकता होती है, जो क्रिया के साथ मिलकर उसे पूरा करते हैं।

जैसे:-

  • बच्चा सो रहा है।
  • बहुत गर्मी है।
  • मैं गाना गा रहा हूँ।

परिभाषा:-जब किसी वाक्य में एक ही व्यक्ति या समूह के लिए केवल एक कार्य होता है, तो उसे सरल वाक्य कहा जाता है। अगर कोई वाक्य अधिक व्यक्तियों के लिए हो, परन्तु उनके लिए एक ही कार्य हो, तो भी उसे सरल वाक्य माना जाता है।

और अगर किसी वाक्य में एक ही व्यक्ति या समूह के लिए एक से अधिक कार्य हों, लेकिन सभी कार्य का कर्ता समान हो, तो भी उसे सरल वाक्य माना जाता है। सरल वाक्य को साधारण वाक्य भी कहा जाता है।

उदाहरण:-

  • बच्चे झूलों पर खेल रहे हैं।
  • तुम्हें सुबह वहाँ जाना चाहिए था।
  • लड़कियां आ रही है।
  • दीपा ने फल और सब्जियां खरीदी।
  • सीता और गीता पुस्तकें पढ़ते हैं।

2. संयुक्त वाक्य किसे कहते है?

जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र साधारण वाक्य या प्रधान उपवाक्य उपस्थित हों, उसे संयुक्त वाक्य कहा जाता है। संयुक्त वाक्य में सभी उपवाक्य स्वतंत्र होते हैं, अर्थात किसी भी उपवाक्य को हटा देने से शेष वाक्यों के अर्थ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

जैसे:-

  • वह सुबह गया और शाम को लौट आया।
  • दिन ढल गया और अन्धेरा बढ़ने लगा।
  • प्रिय बोलो पर असत्य नहीं।

परिभाषा:-संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक सरल या मिश्र वाक्य अव्ययों द्वारा संयुक्त होते हैं। ये उपवाक्य एक दूसरे पर आधारित नहीं होते और संयोजक अव्यय उन वाक्यों को मिलाते हैं।

संयुक्त वाक्य में दो या दो से अधिक सरल वाक्यों को “और”, “एवं”, “तथा”, “या”, “अथवा”, “इसलिए”, “अतः”, “फिर भी”, “तो”, “नहीं तो”, “किन्तु”, “परन्तु”, “लेकिन”, “पर” आदि का प्रयोग करके जोड़ा जाता है।

उदाहरण:-

  • मीना बहुत बीमार थी अतः स्कूल नहीं आयी। 
  • मैं आया और वह गया। 
  • मेरी पैर पर लग गयी और दर्द होने लगा। 
  • उसने बहुत परिश्रम किया किन्तु सफल नहीं हो सका। 
  • मैं बहुत तेज़ दौड़ा फिर भी ट्रेन नहीं पकड़ सका।

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Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain

3. मिश्र या मिश्रित वाक्य किसे कहते है?

मिश्र वाक्य में मुख्य लक्ष्य और मुख्य काम के साथ एक या अधिक संपूर्ण क्रियाएँ होती हैं। मिश्र वाक्य को बनाने के लिए, मुख्य वाक्य और उसके आधारित उपवाक्यों को जोड़ने के लिए बहुत से संयोजक अव्यय का प्रयोग होता है। जैसे: “कि”, “जो”, “क्योंकि”, “जैसे”, “जब”, “तब”, “जहाँ”, “वहाँ”, “यद्यपि”, “यदि”, “अगर”।

जैसे:-

  • जो औरत वहां बैठी हैं वो मेरी माँ है।
  • जो लड़का कमरे में बैठा है वह मेरा भाई है।
  • यदि परिश्रम करोगे तो उत्तीर्ण हो जाओगे।

परिभाषा:-ऐसे वाक्य जिनमें सरल वाक्य के साथ-साथ कोई दूसरा उपवाक्य भी हो, वे वाक्य मिश्र वाक्य कहलाते हैं। मिश्र वाक्योँ की रचना एक से अधिक ऐसे साधारण वाक्योँ से होती है, जिनमेँ एक प्रधान वाक्य होता है एवं दूसरा वाक्य आश्रित होता है।

उदाहरण:-

  • वह कौन–सा मनुष्य है जिसने महाप्रतापी राजा भोज का नाम न सुना हो।
  • अमित ने वह घर खरीदा जो उसके चाचा का था। 
  • यह वही भारत देश है जिसे पहले सोने की चिड़िया कहा जाता था। 
  • यदि परिश्रम करोगे तो उत्तीर्ण हो जाओगे।
  • मैं जानता हूँ कि तुम्हारे अक्षर अच्छे नहीं बनते।
Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain

निष्कर्ष

दोस्तों जैसा की आज के इस ब्लॉग में हमने चर्चा की Rachna Ke Aadhar Par Vakya Kitne Prakar Ke Hote Hain रचना के आधार पर वाक्यों का अध्ययन हमें भाषा के महत्व को समझने में मदद करता है। वाक्य भाषा की बुनियाद होता है और इसके माध्यम से हम अपने विचारों को प्रकट करते हैं। वाक्य के अलग-अलग प्रकार हमें भाषा के विविधता और संवाद के प्रकारों को समझने में मदद करते हैं। हर वाक्य में एक अलग अर्थ और महत्व होता है जो हमारी बात को समझाने में मदद करता है। इस लेख में हमने पूरी जानकारी विस्तार से दी है। आज का ये लेख आपके लिए उपयोगी होगा आपके प्रश्नो के उत्तर अवश्य इस लेख में आपको मिलेंगे।

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

1. रचना के आधार पर वाक्य के कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: रचना के आधार पर वाक्य 3 प्रकार के होते हैं।

2. रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं उदाहरण सहित उत्तर दीजिए?

उत्तर: रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं, अतः उचित उत्तर विकल्प 2 ‘3’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। साधारण वाक्य या सरल वाक्य – पानी बरसा। मिश्रित वाक्य – यदि परिश्रम करोगे तो उत्तीर्ण होगे।

3. वाक्य रचना के चार प्रकार कौन-कौन से हैं?

उत्तर: वाक्य रचना चार प्रकार की होती हैं: सरल, संयुक्त, जटिल और संयुक्त-जटिल।

 4. रचना किसे कहते हैं?

उत्तर: रचना लेखन के लिए दूसरा शब्द है।

Khushi Sharma

Dosto, Mera Naam Khushi Sharma hai me 2 Years se blogging kar rahi hu , aur ye meri website kitne.in , ispe me sabhi aise question ka answer dena chahti hu jisme kitnee word aata hai, Aapko mera Blog Acha laga ho to apne dosto ke sath share jarur Kare Thank you.

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