Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai | इस खास दिन कैसे करें नाग देवता की पूजा

By Khushi Sharma

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नमस्ते दोस्तों! मैं खुशी शर्मा आपका स्वागत करती हूँ। आज के ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि नाग पंचमी कितने तारीख को है [ Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai ] और इस खास दिन नाग देवता की पूजा कैसे करें। जैसा कि हम जानते हैं, नाग पंचमी एक हिंदू त्योहार है, जिसे भारत के अलग-अलग हिस्सों में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा होती है और उन्हें दूध, फूल, चावल आदि चढ़ाया जाता है। आइए जानते हैं इस साल नाग पंचमी की तारीख और इसका महत्व।

दोस्तों नाग पंचमी कितने तारीख को है [ Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai ] इससे सम्बंधित सारी जानकारी आज के इस न्यू ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से आप तक साझा करेंगे। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कई शुभ परिणाम हमको प्राप्त होते हैं।

इस साल जुलाई 2024 में सावन महीना रहेगा। सावन में भगवान शिव की विशेष पूजा होती है, और इस दौरान नाग देवता की पूजा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और सर्प दंश का डर भी कम होता है। जानिए, नाग पंचमी 2024 में कब है, सही तारीख और पूजा का शुभ समय यहां।

Nag Panchmi ( नाग पंचमी )

Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai

नाग पंचमी हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार सावन महीने की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कई लाभ होते हैं, और विशेष रूप से कालसर्प दोष से राहत पाने के लिए यह दिन खास माना जाता है। चलिए जानते हैं कि साल 2024 में नाग पंचमी कितनी तारीख को है और इस दिन पूजा का शुभ समय कब होगा।

नाग पंचमी कितने तारीख को है ?

Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 09 अगस्त को रात 12:36 बजे से शुरू होगी और 10 अगस्त को रात 03:14 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर नाग पंचमी का पर्व 09 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा सुबह 05:47 बजे से 08:27 बजे तक की जा सकती है। नाग पंचमी पर नाग अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबल, शंखपाल, कालिया, और तक्षक की पूजा करनी चाहिए।

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नाग पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त

समयविशेष विवरण
पूजा का सामान्य समयपूरे दिन शुभ मुहूर्त रहेगा, किसी भी समय पूजा कर सकते हैं।
विशेष पूजन का समयदोपहर 12:13 बजे से 1:00 बजे तक
प्रदोष काल का समयशाम 6:33 बजे से 8:20 बजे तक
#Nag Panchmi ( नाग पंचमी )

ऐसे करे नाग पंचमी के दिन पूजा

Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai

नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा कुछ खास तरीकों से की जाती है। यहां इसके प्रमुख चरण हैं,

1. स्नान और शुद्धि: सबसे पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।

2. पूजा स्थल तैयार करें: एक साफ और पवित्र जगह पर पूजा का स्थान बनाएं।

3. नाग देवता की स्थापना: नाग देवता की प्रतिमा या चित्र रखें।

4. पूजन सामग्री इकट्ठा करें: दूध, चावल, फूल, दूब, हल्दी, और रोली तैयार करें।

5. मंत्र और आरती: नाग देवता के मंत्रों का जाप करें और आरती करें।

6. दूध का अभिषेक: नाग देवता को दूध चढ़ाएं।

7. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें।

नाग पंचमी पर नाग पूजा के फायदे

Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai

नाग पंचमी के दिन अगर आप नाग देवता की पूजा करते हैं, तो आपकी कुंडली में मौजूद सर्प दोष दूर होता है। इस दिन पूजा करने से नाग के काटने का डर भी कम हो जाता है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन पूजा करने से आपके परिवार के सदस्य भी नाग दंश से सुरक्षित रहते हैं। इसके अलावा, अगर आपके वैवाहिक जीवन में समस्याएँ हैं या संतान प्राप्ति में दिक्कतें आ रही हैं, तो पूजा से इन समस्याओं का समाधान हो सकता है। नाग भगवान शिव को भी प्रिय हैं, इसलिए नाग पूजा से भगवान शिव की कृपा मिलती है। नाग पूजा करने से आपकी आध्यात्मिक उन्नति होती है और कई मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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नाग पंचमी का महत्व

नाग पंचमी को लेकर कई पौराणिक कहानियां और मान्यताएं हैं। हिन्दू धर्म में कई पेड़-पौधे और जानवरों को देवताओं के समान पूजा जाता है। नागों को पृथ्वी का रक्षक माना गया है क्योंकि वे फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़ों को नियंत्रित करते हैं।

शास्त्रों के अनुसार, नाग महादेव को बहुत प्रिय हैं, इसलिए भगवान शिव के गले में नाग की माला लिपटी रहती है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन नागों की पूजा और सेवा करने से पाप मिटते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।

नाग देवता को इन मंत्रों से करें खुश और पाएँ आशीर्वाद

Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai

नाग देवता की पूजा के लिए ये मंत्र महत्वपूर्ण हैं,

1. ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।

2.ॐ श्री भीलट देवाय नम:।

3. अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा।।

4. एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।
तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी

5. सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।

इन मंत्रों का नियमित रूप से सुबह और शाम को पाठ करने से विष से सुरक्षा मिलती है और विजय प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

दोस्तों, आज के ब्लॉग में हमने Nag Panchmi Kitne Tarikh Ko Hai और इस दिन नाग देवता की पूजा के बारे में जानकारी दी है। नाग पंचमी सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह परिवार की खुशहाली और समृद्धि की कामना करने का खास मौका भी है। इस दिन की गई पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नाग देवता की कृपा मिलती है। इस दिन को सही तरीके से मनाकर आप अपने जीवन को और भी खुशहाल बना सकते हैं। हमने पूरी जानकारी देने की कोशिश की है, और हमें उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी रहेगा। धन्यवाद!

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अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

1. सावन में नाग पंचमी कब है?

उत्तर: पंचांग के अनुसार, इस साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 9 अगस्त 2024 को सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर हो रही है।

2. नाग पंचमी को घर पर कैसे मनाते हैं?

उत्तर: आपको पूजा के लिए नाग की छवि या मूर्ति को दूध से स्नान कराना चाहिए। जपे जाने वाले सभी मंत्रों के साथ पूजा करें।

3. नाग पंचमी पर व्रत का महत्व क्या है?

उत्तर: व्रत रखने से नाग देवता की कृपा मिलती है और इससे जीवन में सुख और समृद्धि की कामना की जाती है।

4. क्या पूजा के लिए विशेष सामग्री चाहिए?

उत्तर: हाँ, पूजा के लिए दूध, जल, फूल, फल, दीपक, और धूप की आवश्यकता होती है।

5. नाग पंचमी पर बच्चों की पूजा क्यों की जाती है?

उत्तर: मान्यता है कि इस दिन नाग देवता बच्चों की रक्षा करते हैं।

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Khushi Sharma

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