नमस्ते दोस्तों हमारे आज के इस लेख में आपका स्वागत है, आज के इस न्यू ब्लॉग पोस्ट में हम बात करेंगे रामायण की हम जानेगे की मुहर्रम कितने तारीख को है? मुहर्रम का महत्व और भी विशेष जानकारी। जैसा की हम सब जानते है मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है और इसका विशेष महत्व है। यह महीना इस्लामिक नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है जहां दूसरे धर्मों में नया साल खुशियों के साथ मनाने की परम्परा है, वहीं इस्लामी नए साल की शुरुआत गम से होती है आइये जानते है आगे।
इस्लाम धर्म के लोगों के लिए मुहर्रम का दिन बहुत खास होता है। [ मुहर्रम कितने तारीख को है ] इसे नए साल के रूप में मनाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है। इसे बकरीद के 20 दिन बाद मनाया जाता है। भारत में मुहर्रम की तारीख चांद देखने पर तय होती है। इसलिए हर साल इसकी तारीख बदलती रहती है। आगे की जानकारी के लिए बने रहिए हमारे आज के इस न्यू ब्लॉग के साथ।
मुहर्रम कितने तारीख को है?
इस्लामी साल हिजरी का पहला महीना मुहर्रम होता है। मुहर्रम के महीने की 10 तारीख को इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए ताजिये निकाले जाते हैं। मुहर्रम का चांद नजर आते ही इन ताजियों का निर्माण शुरू हो जाता है और इन्हें बनाने वाले कलाकार बड़े श्रद्धा के साथ इस काम में जुट जाते हैं। बीकानेर में भी अद्भुत कला के साथ ताजिये बनाए जाते हैं। इस साल इमाम हुसैन की शहादत का दिन मुहर्रम कितने तारीख को है जानते है आज के इस लेख में।
मुहर्रम कब से शुरू है?
मुहर्रम इस्लामी पंचांग का पहला महीना होता है।
साल | तारीख | दिन | छुट्टियां | राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश |
---|---|---|---|---|
2024 | 17 जुलाई | बुधवार | मुहर्रम | सभी राज्य सिवाय AR, AS, CH, DN, DD, GA, HR, KL, MN, ML, NL, PY, PB, SK & UK |
ताजिया कितनी तारीख को है?
[ मुहर्रम कितने तारीख को है ] जानकारी के अनुसार इस साल, आशूरा का पर्व 17 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और इसे मातम के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। कुछ मुस्लिम लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं और ताजिया निकालते हैं, इसके साथ ही उन्हें हजरत इमाम हुसैन के बलिदान की याद भी कराई जाती है।
Read Our More Article: 2024 में तीज कितने तारीख को है? जानिए पूरी जानकारी
मुहर्रम का महत्व
एक तरफ जहां मुहर्रम को नए साल के रूप में मनाया जाता है, वहीं इसे मातम का दिन भी माना जाता है। मुहर्रम की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा कहा जाता है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, इस दिन हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। हजरत इमाम हुसैन को इस्लाम धर्म का प्रमुख माना जाता है। वह हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे। इसीलिए हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मुहर्रम के 10वें दिन को लोग मातम के रूप में मनाते हैं, जिसे आशूरा कहते हैं। कुछ लोग इस दिन इमाम हुसैन की शहादत की याद में जुलूस भी निकालते हैं।
क्यों मनाया जाता है मुहर्रम?
इस्लाम धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार मुहर्रम को मनाने के पीछे ऐसा माना जाता है कि हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ मुहर्रम माह के 10वें दिन कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे। इसलिए उनकी शहादत और कुर्बानी के तौर पर, इस दिन को याद किया जाता है और जुलूस भी निकाले जाते हैं। [ मुहर्रम कितने तारीख को है ]
इस्लाम में नए साल की गम से क्यों होती है शुरुआत
जहां दूसरे धर्मों में नया साल खुशियों के साथ मनाने की परम्परा है, वहीं इस्लामी नया साल की शुरूआत गम से होती है। इस्लामी नया साल हिजरी के नाम से जाना जाता है और इसका पहला महीना मुहर्रम होता है। इसी महीने में इस्लाम के आखिरी नबी हजरत मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन ने इराक स्थित करबला में हक और सत्य की खातिर अपनी शहादत दी थी। उनका रोजा यानी दरगाह करबला में है। हर साल 10 मुहर्रम को उनके रोजे के प्रतीक के रूप में ताजिये बना कर उनकी शहादत को याद किया जाता है।
Read Our More Article: Blood Group Kitne Prakar Ke Hote Hain, ब्लड ग्रुप कितने प्रकार के होते हैं?
इमाम हुसैन की याद में बनता ताजिया
ताजिये बनाने वालों में वो कलाकार भी शामिल हैं जो करबला जाकर वहां इमाम हुसैन के रोजे की जियारत कर आए हैं। वहां के मन्जर को बयान करते समय ये भावुक हो जाते हैं। इमाम हुसैन के रोजे की जियारत का अक्स ताजिया बनाते समय इनकी कलाकारी में भी झलकती है। जब इनकी कूची चलती है, तो उन्हें हुसैन के अलावा ना तो कुछ नजर आता है और ना ही कोई सदा सुनाई देती है। इनका कहना है कि इमाम हुसैन किसी एक धर्म या कौम के नहीं हैं, बल्कि पूरी कायनात के हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख में हमने अपने तरफ से आपको मुहर्रम कितने तारीख को है? और भी मुहर्रम से सम्बंधित सारी जानकारी आज के इस लेख के माध्यम से साझा किया गया है। जैसा की हम सब जानते है, इस्लामी धर्म में मुहर्रम महीना एक बहुत महत्वपूर्ण समय होता है जो हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करने और समर्पण करने का संदेश देता है।
इस महीने का पहला दिन इस्लामी नववर्ष के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इसके साथ ही यह एक दुखद अनुभव भी होता है जिसे याद करते हुए लोग मातम और आशूरा का त्योहार मनाते हैं। इस दिन ताजिये निकाले जाते हैं इस महीने में लोग धार्मिक उम्रजुआ के रूप में श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं।
मुहर्रम कितने तारीख को है , जानिए मुहर्रम क्यों है गमो का त्योहार ऐसे ही और ताजी खबरों के लिए हमारे साथ बने रहे हमारी वेबसाइट पर हम आपको पल-पल की Latest News आप तक पहुंचाते रहेंगे। यदि आपको हमारा यह Blog पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर करें। और ऐसी ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।