हेलो दोस्तों में आज के इस लेख में आपका स्वागत करती हूँ, आज हम इस न्यू ब्लॉग पोस्ट में बात करेंगे Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai Vistar Se Janiye हमारे इस ब्लॉग के साथ दोस्तों हाल ही में शुरू होने जा रहे सभी स्कूल और कॉलेजो की परीक्षा जिसमे अक्सर जनसंचार से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है, आज का ये लेख सभी स्कूल से कॉलेज तक के हर विद्यार्थी के लिए है यह एक ऐसा टॉपिक है जिसकी जानकारी हमे होना पढ़ाई के साथ व्यक्तिगत जीवन के लिए भी जरूरी है, बने रहिये हमारे साथ इस लेख में।
दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai जनसंचार से सम्बंधित पूरी जानकारी देंगे। जनसंचार होता क्या है? लोकसम्पर्क या जनसम्पर्क या जनसंचार से तात्पर्य उन सभी साधनों के अध्ययन एवं विश्लेषण से है जो एक साथ बहुत बड़ी जनसंख्या के साथ संचार सम्बन्ध स्थापित करने में सहायक होते हैं।
संचार एक बहुत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हर व्यक्ति के जीवन का अहम हिस्सा है। यह हमें सिर्फ अपने आस-पास के विषयों से जोड़ता है, बल्कि हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति में भी सहायक होता है। इसलिए, संचार को मानव जीवन की एक महत्वपूर्ण चिह्न माना जाता है, आइये जाने आगे और भी डिटेल्स के साथ बने रहिये हमारे साथ अंत तक।
Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai जानिए?
Jansanchar (जनसंचार) का मतलब है सूचना और विचारों को लोगों तक पहुंचाना और उन्हें मनोरंजन प्रदान करना। इसमें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया शामिल हैं। परंपरागत संचार के साधन अब नई जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए नए संचार माध्यमों की खोज तेजी से जारी है।
जनसंचार की परिभाषा
(Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai) संचार जीवन की निशानी है, जो हर व्यक्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके बिना हम एक-दूसरे से संपर्क में नहीं रह सकते। बच्चों से लेकर वृद्धों तक, सभी को संचार की आवश्यकता होती है। यह एक माध्यम है जिसके माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को अन्यों के साथ साझा करते हैं। मानव जीवन में संचार की अहमियत इस बात में है कि यह जीवन की चरम संवेदनशीलता का साधन है, जो हमें समाज में संबद्ध करता है और हमें अन्य लोगों के साथ जोड़ता है।
जनसंचार के महत्त्व
संचार के विभिन्न माध्यम, जैसे कि टेलीफ़ोन, इंटरनेट, फ़ैक्स, समाचारपत्र, रेडियो, टेलीविज़न, और सिनेमा, हमें संदेशों के आदान-प्रदान में मदद करते हैं। इन माध्यमों के माध्यम से हम दूरस्थ स्थानों से बिना किसी अवरोध के संवाद कर सकते हैं और अपने विचारों और जानकारी को साझा कर सकते हैं। यही कारण है कि आजकल भौगोलिक दूरियों को कम करने के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक दूरियों को भी कम किया जा रहा है, जो हमें एक-दूसरे के करीब लाता है। इसके अलावा, संचार माध्यम हमें ताज़ा खबरों और जानकारी से भरपूर रखते हैं, जो हमें समाज में जागरूक रखने और मनोरंजन का साधन करने में मदद करते हैं। (Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai)
Read Our More Article: Kul Vyanjan Kitne Hote Hain In Hindi व्यंजन की परिभाषा, संख्या, प्रकार और भी बहुत कुछ जाने यहां।
जनसंचार के माध्यम
(Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai) जनसंचार के माध्यमों में कौन-कौन से हैं, संचार माध्यम कितने प्रकार के होते हैं?
1. (समाचारपत्र)
1450 में John Gutenberg ने मुद्रण का आविष्कार किया, जिससे संचार साक्षरों के लिए एक बड़ा उपहार बना। विकसित देशों में समाचार पत्रों ने महत्वपूर्ण योगदान किया है। अमेरिका में 95% लोग समाचार पत्र पढ़ते हैं, उसके बाद रूसी लोग आते हैं। Bharat में 1780 में अखबारों की शुरुआत हुई, जिसमें जेम्स अगस्टस हिकि ने बंगाल गजट को निकाला।
यह गुजरात भाषा में प्रकाशित भारत का सबसे पुराना अखबार है। 1826 में उदन्त मार्तण्ड ने उत्पन्न हुआ, और वर्तमान में 41 समाचार पत्र सौ साल पूरे कर चुके हैं। Times of India 150 साल पुराना है और हिन्दुस्तान टाईम्स ने हाल ही में अपनी 75 सालगिरह मनाई है।
2. मैगजीन (Magazine)
मैगज़ीन एक अच्छा माध्यम है जो हर विषय पर नई जानकारी और मनोरंजन प्रदान करता है। यह अपने प्रति में नई जानकारियाँ, नए विषय और मनोरंजन लाता है। इसे ‘ज्ञान का भण्डार’ कहा जाता है क्योंकि यह विभिन्न ज्ञानों का एक संग्रह होता है। आजकल, मैगज़ीन विभिन्न विषयों जैसे राजनैतिक, फैशन, खेल, लोगों के लिए, औरतों के लिए बनाया जाता है। (Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai)
आज देश के हर कोने में दैनिक, साप्ताहिक और मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन तेजी से हो रहा है। इनकी संख्या भी बढ़ रही है और इनका विकास भी हो रहा है। इनमें रोचक लेआउट, सुरूचिपूर्ण सजावट और श्रेष्ठ मुद्रण के कारण लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है।
समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन भी महत्वपूर्ण हैं, जो विभिन्न उत्पादों से संबंधित जानकारियाँ प्रदान करते हैं। ये विज्ञापन सामाजिक संदेशों को भी बढ़ावा देते हैं, जैसे एड्स से बचाव, स्वच्छ पेयजल की प्रेरणा और धूम्रपान और नशीली दवाओं के उपयोग को छोड़ने की मंत्रणा।
- उपभोक्ता मैगज़ीन
- व्यापार और तकनीकी मैगज़ीन
- व्यवसायिक मैगज़ीन
- शैक्षिक और शोधकर्ता जरनल
मैगज़ीनें जनसंचार के एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं और इनका प्रकाशन बहुत सरल और अच्छा होता है। इनका मुख्य उद्देश्य जानकारी प्रदान करना होता है और लोगों की रुचि को पूरा करना होता है।
3. पुस्तकें (Books)
पुस्तकें (किताबें) संचार का एक तरीका हैं, लेकिन ये सभी लोगों तक नहीं पहुंचतीं जैसे समाचार पत्र, रेडियो, और टेलीविजन। किताबों के पाठकों की संख्या बहुत कम है बाकी माध्यमों के मुकाबले। फिर भी, किताबें महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे लंबे समय तक सम्भाली जा सकती हैं और ज्यादा विश्वसनीय होती हैं। इनमें अधिक जानकारी होती है और लंबे समय तक उपयोगी रहती हैं।
4. रेडियो (Radio)
भारत में रेडियो का समय 1923 में ब्रिटिश शासन से शुरू हुआ। स्वतंत्रता के बाद बड़े शहरों में रेडियो स्टेशन थे। 2002 तक इसकी पहुंच बढ़ी और अब यह अधिकांश लोगों तक पहुंचता है। रेडियो ने असाक्षर लोगों तक भी पहुंचाया। यह सस्ता और अनुप्रयोगी होने के कारण लोकप्रिय हुआ। रेडियो सुनने में आसान है और लोग इसे अपनी दैनिक दिनचर्या के साथ बजाते हैं। रेडियो कार्यक्रम शोधकर्ताओं और सुनने वालों के लिए अधिक उपयोगी हो गए हैं।
- दृश्यहीनता
- ट्रांजिस्टर क्रांति
रेडियो में खबरें तेज़ी से पहुंचती हैं और लोगों को समाचार तुरंत मिल जाता है। रेडियो को सुनने में अधिकतर व्यक्तियों के लिए समय का साथ देना आसान होता है। यह सूचना और मनोरंजन का अच्छा संयोजन करता है। रेडियो के बिना हमारी जिंदगी अधूरी होती। इसे बजाने या सुनने में आनंद लेने के लिए इसकी कोई विशेष स्थानिक आवश्यकता नहीं होती।
5. टेलीविजन (Television)
टेलीविजन एक आसानी से देखा जाने वाला माध्यम है जो हमें दिखाई और सुनाई गई चीजों को समझने में मदद करता है। यह जैसे रेडियो है, लेकिन उससे बेहतर है क्योंकि हमें चीजों को देखने की सुविधा मिलती है। टेलीविजन के कार्यक्रमों को बनाते समय इसकी विशेषताओं का ध्यान रखना जरूरी होता है।
टेलीविजन अन्य मीडिया के तत्त्वों को मिलाकर नए रूप में पेश किया जाता है। उसमें रेडियो, थिएटर, फिल्म और समाचार सभी शामिल होते हैं। टेलीविजन के माध्यम से हमें उत्कृष्ट ज्ञान और मनोरंजन की सुविधा मिलती है।
टेलीविजन का प्रसारण तंत्र भारत में बहुत विस्तृत है और यह लोगों को सूचना पहुंचाने में सहायक है। यहां तक कि गाँवों तक इसकी पहुंच है और लाखों लोग इसके कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।
टेलीविजन के साथ-साथ विज्ञापनों का भी उपयोग होता है, जो उत्पादकों को अपने उत्पादों की विज्ञापन करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनाता है।
टेलीविजन की शुरुआत भारत में 1959 में हुई थी और उसके बाद से हमारे देश में उसकी पहुंच बढ़ी है। टेलीविजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक और मनोरंजित करना है। (Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai)
6. सिनेमा (Cinema)
सिनेमा एक महत्वपूर्ण तरीका है जिससे हम अपनी भावनाओं को साझा करते हैं। यह एक मनोरंजन का साधन होता है जो हमें मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान और शिक्षा भी प्रदान करता है। सिनेमा के माध्यम से हमारे समाज में उठने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान दिया जाता है और हमें समाज में सुधार लाने में मदद मिलती है।
फिल्में हमें आत्मा और समाज के संवेदनाओं को समझने का माध्यम प्रदान करती हैं। एक फिल्म को हजारों लोग एक साथ देखते हैं, जिससे उसका संदेश बहुत बड़े पैमाने पर पहुंचता है। फिल्में अभिनय, संवाद, संगीत, और कला का संगम होती हैं जो हमें मनोरंजन के साथ-साथ सोचने पर मजबूर करती हैं।
7. विज्ञापन (Advertisement)
विज्ञापन एक माध्यम है जो संदेश को लोगों तक पहुंचाता है। जैसे कि संचार के दूसरे माध्यमों में संदेश को भेजा जाता है, ठीक उसी तरह विज्ञापन में भी संदेश दिया जाता है। यहाँ संदेश को बनाते समय लोगों की इच्छाओं, आवश्यकताओं, मनोवैज्ञानिक स्थिति आदि का ध्यान रखा जाता है।
विज्ञापन का शब्द अंग्रेजी भाषा का हिंदी रूपान्तर है और इसका अर्थ है ‘पलटना’ या जनता को सूचित करना। विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य सूचना को जनता तक पहुंचाना है। यह व्यवसायिक संस्थाओं का महत्वपूर्ण साधन है जो उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकताओं के बारे में सूचित करता है।
8. इंटरनेट (Internet)
(Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai) इंटरनेट की शुरूआत भारत में लगभग 15 वर्ष पहले हुई। इसका प्रथम उपयोग सैनिक अनुसंधान नेटवर्क (इआरनेट) ने किया था। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक विभाग और यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम के संयुक्त उपक्रम के रूप में ईआरनेट का उपयोग किया गया था। इंटरनेट ने भारत में काफी सफलता प्राप्त की और अधिकांश वैज्ञानिकों और तकनीशियनों को इसकी सुविधाएं मिलने लगी।
इंटरनेट की सेवाएं आज भी भारत के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध हैं, जो लोगों को सूचना पहुंचाती हैं। इंटरनेट का मुख्य उद्देश्य सूचनाओं को आदान-प्रदान करना है, जो लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Read Our More Article: Rajasthan Me Kitne Jile Hai 2024
संचार के तत्व
1. संचार प्रक्रिया की शुरुआत स्रोत या संचारक से होती है। जब स्रोत या संचारक एक उद्देश्य के साथ अपने किसी विचार, संदेश या भावना को किसी और तक पहुँचाना चाहता है तो संचार-प्रक्रिया की शुरुआत होती है।
2. भाषा असल में, एक तरह का कूट चिह्न या कोड है। आप अपने संदेश को उस भाषा में कूटीकृत या एनकोडिंग करते हैं। यह संचार की प्रक्रिया का दूसरा चरण है।
3. संचार-प्रक्रिया में अगला चरण स्वयं संदेश का आता है। किसी भी संचारक का सबसे प्रमुख उददेश्य अपने संदेश को उसी अर्थ के साथ प्राप्तकर्ता तक पहुँचाना है।
4. संदेश को किसी माध्यम (चैनल) के ज़रिये प्राप्तकर्ता तक पहुँचाना होता है।
5. प्राप्तकर्ता यानी रिसीवर प्राप्त संदेश का कटवाचन यानी उसकी डीकोडिंग करता है।
संचार के कार्य
(Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai) आप अपने दिनचर्या में संचार का बड़ा उपयोग करते हैं। आपको इसके उपयोग और कार्यों के बारे में काफी पता है। संचार विशेषज्ञों के मुताबिक, संचार के कई कार्य होते हैं। इनमें से कुछ कार्य निम्नलिखित हैं:
- संचार का प्रयोग हम कुछ हासिल करने या प्राप्त करने के लिए करते हैं, जैसे अपने दोस्त से किताब मांगने के लिए।
- नियंत्रण-संचार के ज़रिये हम किसी के व्यवहार को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, यानी उसे हम एक खास तरीके से व्यवहार करने के लिए कहते हैं, जैसे कक्षा में शिक्षक विद्यार्थियों को नियंत्रित करते हैं।
- सूचना-कुछ जानने के लिए या कुछ बताने के लिए भी हम संचार का प्रयोग करते हैं।
- अभिव्यक्ति
- संचार का उपयोग हम अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए या अपने को एक खास तरह से प्रस्तुत करने के लिए भी करते हैं।
- सामाजिक संपर्क-संचार का प्रयोग हम एक समूह में आपसी संपर्कों को बढ़ाने के लिए भी करते हैं।
- संचार का प्रयोग अक्सर हम अपनी समस्याओं या किसी चिंता को दूर करने के लिए करते हैं।
- संचार का प्रयोग अक्सर हम अपनी समस्याओं या किसी चिंता को दूर करने के लिए करते हैं।
- संचार का प्रयोग हम अपनी रुचि की किसी वस्तु या विषय के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए भी करते हैं।
- इसके साथ ही संचार का प्रयोग हम अपनी किसी भूमिका को पूरा करने के लिए करते हैं क्योंकि यही परिस्थिति की माँग होती है। जैसे आप एक विद्यार्थी के रूप में या एक डॉक्टर के रूप में, एक जज के रूप में अपनी भूमिका के अनुसार संचार करते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों जैसे की जा हमने इस लेख के माध्यम से जाना Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai आधुनिक जनसंचार के प्रमुख माध्यम आकाशवाणी, दूरदर्शन, फिल्में, समाचार-पत्र, पत्रिकाएं एवं इंटरनेट हैं। हमने इस लेख में आपको जनसंचार क्या है, उसकी परिभाषा, महत्त्व, माध्यम, तत्व, कार्य और भी बहुत सारी जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है, हमे आशा है आप के प्रश्नो का सारा उत्तर आपको हमारे इस लेख में मिल गया होगा ऐसे ही और जानकारी के लिए बने रहिये हमारी वेबसाइट kitne.in के साथ।
(Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai) ऐसे ही और ताजी खबरों के लिए हमारे साथ बने रहे हमारी वेबसाइट पर हम आपको पल-पल की Latest News आप तक पहुंचाते रहेंगे। यदि आपको हमारा यह Blog पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर करें। और ऐसी ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
FAQs
1. जनसंचार (Jansanchar Ke Kitne Madhyam Hai) के कितने माध्यम होते हैं?
उत्तर: जनसंचार के माध्यम: अखबार, रेडियो, टीवी, इंटरनेट, सिनेमा आदि
2. संचार के कितने माध्यम होते हैं?
उत्तर: संचार के मुख्यत तीन माध्यम होते हैं?
3. जनसंचार के साधन कौन कौन से हैं?
उत्तर: जनसंचार के साधन समाचार पत्र, पत्रिकाएँ, रेडियो, दूरदर्शन, चलचित्र हैं?
4. जनसंचार के चार प्रकार कौन से हैं?
उत्तर: प्रिंट मीडिया, आउटडोर मीडिया, मीडिया ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल मीडिया जनसंचार के विभिन्न प्रकार हैं।
5. सबसे तेज संचार माध्यम क्या है?
उत्तर: सबसे तेज संचार माध्यम सेल्युलर फोन है।
READ MORE: 1 Foot Mein Kitne Inch Hote Hain