नमस्ते दोस्तों! मैं खुशी शर्मा आपका स्वागत करती हूँ। आज के ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि इस साल जन्माष्टमी कब है Janmashtmi Kitne Tarikh Ko Hai और इस जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा कैसे करें। जन्माष्टमी, जिसे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी कहते हैं, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पर्व है। यह हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है और धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी की तारीख, शुभ मुहूर्त, और इसके महत्व के बारे में जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।
दोस्तों, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, यानी भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव, जानिए इस जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण की पूजा कैसे करेहिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है। यह हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। आज के इस ब्लॉग पोस्ट में जानेंगे कि 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी। इस साल जन्माष्टमी की पूजा कैसे की जाएगी, यह जानना हर भक्त के लिए जरूरी है, ताकि वे इस पावन पर्व की तैयारी कर सकें और भगवान श्रीकृष्ण की आराधना कर सकें।
Janmashtmi Kitne Tarikh Ko Hai
कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे गोकुलाष्टमी भी कहते हैं, एक हिंदू त्योहार है जो हर साल मनाया जाता है। यह भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव है। [ Janmashtmi Kitne Tarikh Ko Hai ] इस साल श्री कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होती है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इसी तिथि पर आधी रात 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए, हर साल इस दिन जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। जानिए जन्माष्टमी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में पूरी जानकारी।
कृष्ण जन्माष्टमी: जानिए इस त्योहार की खासियत
यह एक महत्वपूर्ण त्योहार है, खासकर हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा में। भागवत पुराण के अनुसार, कृष्ण के जीवन की नृत्य-नाटक की परंपरा, कृष्ण के जन्म के समय मध्यरात्रि में भक्ति गायन, उपवास, रात भर जागरण, और अगले दिन महोत्सव जन्माष्टमी समारोह का हिस्सा हैं। यह त्योहार मणिपुर, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और भारत के अन्य राज्यों में मनाया जाता है, खासकर मथुरा और वृंदावन में।
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2024 में कृष्ण जन्माष्टमी कब है?
अष्टमी तिथि शुरू | 26 अगस्त 2024 | सुबह 3:39 बजे |
अष्टमी तिथि समाप्त | 27 अगस्त 2024 | सुबह 2:19 बजे |
रोहिणी नक्षत्र शुरू | 26 अगस्त 2024 | दोपहर 3:55 बजे |
रोहिणी नक्षत्र समाप्त | 27 अगस्त 2024 | दोपहर 3:38 बजे |
कृष्ण जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
Janmashtmi Kitne Tarikh Ko Hai: श्री कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त की रात 12:01 से 12:45 तक रहेगा। इस दौरान, मध्यरात्रि का क्षण 12:23 बजे होगा। जन्माष्टमी के दिन चंद्रमा रात 11:20 बजे आकाश में दिखाई देगा।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
इस त्योहार की पूजा विधि बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भगवान कृष्ण का जन्म पूजा की तैयारी का मुख्य केंद्र है। इस पूजा का पूरा लाभ उठाने के लिए, हमने नीचे एक सरल पूजा विधि दी है,
- सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- रात्रि में पूजा की तैयारी: श्री कृष्ण के पालने को सजाएं और मंदिर को गंगाजल से साफ करें।
- पूजा की शुरुआत: ध्यान का पालन करें और भगवान कृष्ण की मूर्ति को आदरपूर्वक पालने पर रखें। अगर पालना नहीं है, तो लकड़ी की चौकी का उपयोग कर सकते हैं।
- पद्य अर्पण: भगवान के चरणों में जल चढ़ाएं और अर्घ्य अर्पित करें। आचमन करें (जल अर्पित कर पीना)।
- स्नान समारोह: मूर्ति पर पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, और गंगाजल) डालें।
- पंचामृत तैयार करें: पांचों सामग्री को इकट्ठा करके प्रसाद के रूप में उपयोग करें।
- श्रृंगार: मूर्ति को नए वस्त्र, मुकुट, आभूषण, मोर पंख, और बांसुरी से सजाएं।
- अर्पण: भगवान को पवित्र जनेऊ, चंदन का लेप, फूल, और तुलसी के पत्ते अर्पित करें।
- दीप जलाएं: धूपबत्ती और तेल का दीपक जलाएं।
- भोग: भगवान को माखन और मिश्री का भोग लगाएं, और नारियल, सुपारी, हल्दी, पान, और कुमकुम से ताम्बूलम भेंट करें।
- आरती और प्रार्थना: कुंज बिहारी की आरती गाएं, परिक्रमा करें, और प्रभु से प्रार्थना करें कि वह आपको और आपके परिवार को सभी विपत्तियों से सुरक्षित रखें।
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कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में देवकी और वासुदेव के घर भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। कंस, देवकी का भाई, ने एक भविष्यवाणी के आधार पर देवकी के आठवें पुत्र को मारने का प्रयास किया। लेकिन जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ, तो पूरा महल गहरी नींद में चला गया। वासुदेव ने शिशु को रात के समय वृंदावन में यशोदा और नंद के घर भेजा, जिससे श्री कृष्ण को कंस के क्रोध से बचाया जा सका। भविष्य में, श्री कृष्ण ने कंस को हराया और उसकी दहशत का अंत किया।
[ Janmashtmi Kitne Tarikh Ko Hai ]
कृष्ण जन्माष्टमी पर किए जाने वाले खास अनुष्ठान और विधियाँ
1. कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और भगवान कृष्ण के जन्म की आधी रात को इसे समाप्त करते हैं।
2. भक्त दिन भर भगवान का नाम लेते हैं और भक्ति गीत गाते हैं, खासकर कृष्ण मंदिरों में।
3. कृष्ण की जीवन गाथा और उनकी लीलाओं पर आधारित नाटक प्रस्तुत किए जाते हैं, और बच्चे कृष्ण और गोपियों के वेश में रासलीला करते हैं।
4. भगवान कृष्ण को माखन बहुत पसंद था, इसलिए भक्त माखन, दूध, सूखे मेवे, और मिठाइयाँ चढ़ाते हैं।
5. कृष्ण की शिक्षाओं को याद रखने के लिए भगवद गीता के अंश जोर से पढ़े जाते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस ब्लॉग में हमने आपको बताया है कि इस साल जन्माष्टमी कितने तारीख को है, Janmashtmi Kitne Tarikh Ko Hai और भगवान श्री कृष्ण की पूजा कैसे करें। दोस्तों, जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पावन पर्व है, जिसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस ब्लॉग में हमने आपके साथ इस साल की जन्माष्टमी से जुड़ी सारी जानकारी साझा की है।
जन्माष्टमी का पर्व हमें भगवान श्री कृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण संदेशों को समझने और अपनाने का मौका देता है। इस जन्माष्टमी पर हम सब मिलकर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें।
Janmashtmi Kitne Tarikh Ko Hai | जानिए इस जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण की पूजा कैसे करे ऐसे ही और ताजी खबरों के लिए हमारे साथ बने रहे हमारी वेबसाइट पर हम आपको पल-पल की Latest News आप तक पहुंचाते रहेंगे। यदि आपको हमारा यह Blog पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर करें। और ऐसी ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
1. क्या जन्माष्टमी पर उपवास रखना अनिवार्य है?
उत्तर: नहीं, लेकिन उपवास रखने से भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह व्यक्तिगत श्रद्धा और भक्ति पर निर्भर करता है।
2. क्या बच्चे भी जन्माष्टमी पर उपवास रख सकते हैं?
उत्तर: बच्चों को उपवास रखने की आवश्यकता नहीं है। वे फलाहार या हल्के भोजन का सेवन कर सकते हैं।
3. क्या गर्भवती महिलाएं जन्माष्टमी पर उपवास रख सकती हैं?
उत्तर: गर्भवती महिलाओं को उपवास रखने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उपवास का पालन करें।
4. जन्माष्टमी के दिन कौन-कौन से भोग भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित कर सकते हैं?
उत्तर: भगवान श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री, फल, मिठाई, पंचामृत, और अन्य प्रसाद अर्पित कर सकते हैं।
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