हेलो दोस्तों में खुशी शर्मा आज के इस लेख में आपका स्वागत करती हूँ, इस लेख में हम बात करेंगे Diwali Kitne tarikh ko hai दिवाली कितने तारीख को है? दोस्तों इस दिन का इंतज़ार हर किसी को बेसब्री से होता है, दीवाली हमारे भारत देश का एक सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है, हम जानते है की इस त्यौहार की हमारे जीवन में क्या भूमिका है आज के इस न्यू ब्लॉग पोस्ट में हम आपको बताएंगे की इस साल ये विशेष दिन कब किस दिन और कैसे मनाया जायेगा बने रहिये हमारे साथ।
दोस्तों आज के इस लेख में हम चर्चा करेंगे Diwali Kitne tarikh ko hai और 2024 में किस दिन होगा धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन, और भाई दूज का त्योहार, यह जानने के लिए आपको यहाँ दिवाली 2024 की डेट लिस्ट मिलेगी। दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है, बने रहिये हमारे इस लेख के साथ अंत तक।
Diwali Kitne tarikh ko hai?
दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है और इसका विशेष महत्व है। धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्योहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है।दिवाली कब है इस बारे में पंचांग बताता है कि इस साल भी कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। आइए अब जानते हैं पंचांग के अनुसार दिवाली किस दिन और किस मुहूर्त में मनाना शुभ फलदायी रहेगा।
दीपावली (Diwali) दीपो का त्यौहार
नाम | दीपावली |
अनुयायी | हिन्दू, सिख, जैन और बौद्ध |
उद्देश्य | धार्मिक निष्ठा, उत्सव |
उत्सव | दिया जलना, घर की सजावट, खरीददारी, आतिशबाज़ी, पूजा, उपहार, दावत और मिठाइयाँ |
आरम्भ | धनतेरस, दीपावली से दो दिन पहले |
समापन | भैया दूज, दीपावली के दो दिन बाद |
तिथि | कार्तिक माह की अमावस्या |
समान पर्व | काली पूजा, दीपावली (जैन), बंदी छोड़ दिवस |
दीपावली: एक प्रसिद्ध हिंदू त्योहार
दिवाली, या दीपावली, भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार को भारतीय घरों के बाहर जलाए जाने वाले मिट्टी के दीपों की पंक्ति (अवली) से इसका नाम मिला है, जो आत्मिक अंधकार से सुरक्षा प्रदान करने वाले आंतरिक प्रकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस त्योहार का महत्व हिन्दुओं के लिए उतना ही है जितना क्रिसमस छुट्टी ईसाईयों के लिए होता है।
सदियों से, दिवाली एक राष्ट्रीय त्योहार बन गया है जिसे गैर-हिंदू समुदाय भी आनंदित करते हैं। उदाहरण के लिए, जैन धर्म में, दीपावली 15 अक्टूबर, 527 ईसा पूर्व को भगवान महावीर के मोक्ष, या आध्यात्मिक जागरूकता, की उपलब्धि को चिह्नित करती है; सिख धर्म में, यह उस दिन को सम्मानित करती है जब गुरु हरगोबिंद जी, छठे सिख गुरु, को कैद से मुक्त किया गया था। भारत में बौद्ध भी दीपावली का उत्सव मनाते हैं।
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2024 में दीपावली के पर्व की तारीख (तिथियाँ)
(Diwali Kitne tarikh ko hai) दीपावली को दीप उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। साल 2024 में दिवाली के पर्व में दो तिथि पड़ रही हैं। साल 2024 में दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन मना सकते हैं। पांच दिवसीय पर्व की शुरुआत 29 अक्टूबर 2024 को होगी, धनतेरस के दिन, इसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं। इस दिन यम दीपम भी कहते हैं।
काली चौदस या छोटी दिवाली 30 अक्टूबर 2024 को होगी। दीपावली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाएगा। 31 अक्टूबर को अमावस्या की तिथि है, जो 1 नवंबर को शाम 6.15 मिनट तक रहेगी। इसीलिए साल 2024 में दिवाली 2 दिन मना सकते हैं। 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों ही दीवाली मना सकते हैं। वहीं गोवर्धन का पर्व 2 नवंबर और भाई दूज 3 नवंबर को मनाया जाएगा।
त्योहार | तिथि |
---|---|
दिवाली | 31 अक्टूबर |
अमावस्या तिथि | 31 अक्टूबर |
गोवर्धन का पर्व | 2 नवंबर |
भाई दूज का पर्व | 3 नवंबर |
जानें दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का महत्व
दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार, जब मुहूर्त में लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है तो वहां लक्ष्मी जी ठहर जाती हैं। इसलिए लक्ष्मी पूजा के लिए यह सबसे उत्तम समय माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस व्यक्ति के पास ज्ञान होता है उसके पास धन भी रहता है। इसलिए भगवान गणेश की पूजा भी की जाती है। साथ ही ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या तिथि के दिन अगर माता लक्ष्मी किसी पर प्रसन्न हो जाती है तो उसे आरोग्य की प्राप्ति होती है।
दिवाली क्यों मनाई जाती है?
1. कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल में दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) का आयोजन किया जाता है। अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का प्रावधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है।
2. वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए।
3. इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का प्रावधान है।
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निष्कर्ष
दोस्तों जैसे की हमने इस लेख में आपको Diwali Kitne tarikh ko hai (दीवाली कितने तारीख को है) से ले कर और भी जानकारी आप तक साझा करने का पूरा प्रयास किया है, दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो भारतीयों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार रोशनी के पर्व के रूप में मनाया जाता है जिसमें सजावट, प्रेम, और उत्साह के साथ घरों को सजाया जाता है।
दीपावली के त्योहार में लक्ष्मी पूजन और विभिन्न मतों के अनुसार तिथियों का महत्व समझा जाता है। यह त्योहार धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ-साथ विभिन्न परंपराओं और मतभेदों को प्रकट करता है, जिससे लोगों के बीच गहरा आदान-प्रदान होता है।
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FAQs
1. 2024 में दिवाली कब बनाई जाएगी?
उत्तर: 1 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर बनाई जाएगी।
2. धनतेरस कब है 2024 शुभ मुहूर्त?
उत्तर: इस दिन धनतेरस की पूजा के लिए शाम 6 बजे से लेकर रात के 8 बजे का समय शुभ होगा।
3. दिवाली इतनी खास क्यों है?
उत्तर: नरकासुर पर कृष्ण की विजय के बाद दिवाली को बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता था।
4. दीपावली की अमावस्या कब है?
उत्तर: दिवाली के दिन यानी 12 नवंबर को दोपहर के समय 2 बजकर 45 मिनट पर अमावस्या तिथि लग रहे है।
5. लक्ष्मी पूजा पर कितने दीये जलाएं?
उत्तर: लक्ष्मी पूजा पर 13-13 दीये घर के हर कोने में जलाने चाहिए।
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