हेलो दोस्तों आज के हमारे इस लेख में आपका स्वागत है, हम आज के इस न्यू ब्लॉग पोस्ट में आपके लिए ले कर आये है सबसे विशेष जानकरी हाल ही में आने वाले हिन्दू धर्म के सबसे बड़े पर्व की हनुमान जयंती इस साल कितने तारीख को है? (hanuman jayanti is saal kitne tarikh ko hai?) जिसका इंतजार सबको बेसब्री से है तो हमारे इस लेख के साथ जाने हनुमान जयंती कितने तारीख को, कब और किस दिन है साथ ही इस दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना कैसे करे बिना किसी देरी के बने रहिये हमारे साथ अंत तक।
दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करेंगे हनुमान जयंती इस साल कितने तारीख को है? हनुमान जी वह देवता हैं जो बल, बुद्धि, विद्या और तेज से ओतप्रोत हैं। उनके हृदय में हमेशा भगवान श्री राम विराजमान रहते हैं। उनकी शक्ति और पराक्रम अद्वितीय है। इसलिए हर साल हनुमान जी के जन्मदिन को हम हनुमान जयंती के रूप में उत्साह से मनाते हैं और इसको अपने जीवन में विशेष महत्व देते हैं।
चलिए, जानते हैं कि 2024 में हनुमान जयंती कब मनाई जाएगी। हनुमान जन्मोत्सव चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन को बजरंगबली की भक्ति के लिए विशेष महत्व दिया जाता है। इसलिए, आइए जानें साल 2024 में हनुमान जयंती कब है, सही तारीख, पूजा मुहूर्त और और भी कुछ खास बातें इस ब्लॉग के साथ।
हनुमान जयंती इस साल कितने तारीख को है?
हनुमान जयंती इस साल कितने तारीख को है, चैत्र माह की पूर्णिमा को पवनपुत्र हनुमान जी की जयंती मनाई जाती है। इस पावन दिन माता अंजनी की गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान जी के जन्मदिन को जयंती नहीं, बल्कि जन्मोत्सव कहा जाना उचित होगा, क्योंकि बजरंगबली चिरंजीवी हैं, और जयंती का प्रयोग उनके समान नहीं किया जाता है। हनुमान जी ऐसे देवता हैं जिनका सच्चे मन से याद किया जाए तो वे भक्तों की हर संकट में सहायता करते हैं, इसलिए उन्हें संकट मोचन कहा जाता है। जानें हनुमान जयंती 2024 की तारीख, मुहूर्त और महत्वपूर्ण जानकारी।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) 2024
धर्म | हिन्दू |
महत्व | हनुमान के जन्म का स्मरणोत्सव (हनुमान जयंती) |
पर्व | मंदिरों में जाना, प्रसाद चढ़ाना, हनुमान चालीसा और रामायण का पाठ करना |
जयंती 2024 तारीख | अधिकांश क्षेत्र 23 अप्रैल |
आवृत्ति | वार्षिक |
हनुमान जयंती (हनुमान जन्मोत्सव)
हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा को पवनपुत्र हनुमान जी की जयंती मनाई जाती है। हनुमान जी के जन्मदिन को जयंती नहीं, बल्कि जन्मोत्सव कहा जाना उचित होगा, क्योंकि बजरंगबली चिरंजीवी हैं, और जयंती का प्रयोग ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है, जो संसार में जीवित नहीं है। हनुमान जी ऐसे देवता हैं जिनका सच्चे मन से स्मरण किया जाए तो वे भक्तों की हर संकट में सहायता करते हैं, इसलिए उन्हें संकट मोचन कहा जाता है।
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2024 में हनुमान जयंती कब है?
हनुमान जयंती जब मंगलवार या शनिवार को हो तो इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ये दोनों दिन बजरंगबली को समर्पित हैं। इस दिन हनुमान जी विशेष आकर्षक श्रृंगार, सुन्दरकांड का पाठ, भजन, व्रत, दान, पाठ, कीर्तन किए जाते हैं। हनुमान के जन्म को उत्तर और दक्षिण भारत में दो तिथियां मानी गई हैं। पहला चैत्र मास और दूसरा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तिथि को।
हनुमान जयंती का महत्व और उत्सव
हनुमान जयंती हिन्दू त्योहार है जो हिन्दू देवता और रामायण के प्रमुख किरदार हनुमान के जन्म की समर्थन करता है। हनुमान जयंती का उत्सव भारत के प्रत्येक राज्य में समय और परंपरा के अनुसार भिन्न होता है। भारत के अधिकांश उत्तरी राज्यों में, त्योहार हिन्दू माह चैत्र के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। कर्नाटक में, हनुमान जयंती मार्गशीर्ष माह या वैशाख में शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को मनाई जाती है, जबकि कुछ राज्यों में जैसे के केरल और तमिलनाडु, यह धनु माह में मनाया जाता है (तमिल में मार्गली कहलाता है)। हनुमान जयंती ओडिशा के पूर्वी राज्य में पना संक्रांति के दिन मनाई जाती है, जो ओडिया नववर्ष के साथ संघटित होता है।
हनुमान को विष्णु के अवतार राम के एक उत्साही भक्त के रूप में माना जाता है, जिन्हें अदल रहित भक्ति के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। उन्हें शक्ति के प्रतीक के रूप में पूजित किया जाता है।
हनुमान जयंती 2024 का शुभ मुहूर्त
- चैत्र पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03:25 बजे होगी।
- चैत्र पूर्णिमा तिथि का समापन 24 अप्रैल 2024 को सुबह 05:18 बजे होगा।
- हनुमान पूजा का समय (सुबह) – सुबह 09:03 से दोपहर 01:58 बजे तक।
- हनुमान पूजा का समय (रात) – रात 08:14 से रात 09:35 बजे तक।
हनुमान जयंती 2024 की नक्षत्रीय स्थिति
नक्षत्रों की बात करें, हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 को चित्रा नक्षत्र रात के 10.32 मिनट तक रहेगा। उसके तुरंत बाद स्वाती नक्षत्र शुरू हो जाएगा। हनुमान जयंती के दिन चंद्रमा कन्या राशि में और सूर्य मेष राशि में होगा।
हनुमान जयंती (हनुमान जन्मोत्सव) 2024 पूजा विधि
पवन तनय संकट हरण, मंगल मूर्ति रूप,
राम–लखन–सीता सहित, हृदय बसही सुर भूप।।
हनुमान जयंती के महत्वपूर्ण त्योहारी नियम:-
- सूर्योदय से पहले स्नान करें।
- बजरंगबली के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
- पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें।
- चमेली का तेल और सिंदूर में भगवान हनुमान को चौला चढ़ाएं।
- चमेली के तेल का दीपक लगाएं और गुलाब की माला अर्पित करें।
- हनुमान जी को साबुत पान का पत्ता चढ़ाएं।
- गुड़-चना और बूंदी के लड़्डू भोग के रूप में पूजा में शामिल करें।
- हनुमान चालीसा का 7 बार पाठ करें।
- घर में रामायण पाठ करें।
- आरती के बाद जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न, धन का दान दें।
हनुमान जी उत्पत्ति कथा (जन्मकथा)
हनुमान केसरी और अंजना के पुत्र हैं, जो वानर के रूप में जन्मे थे। हनुमान को भी वायु, हवा के देवता, का दिव्य पुत्र जाना जाता है। उनकी मां, अंजना, एक अप्सरा थीं जिन्हें एक श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म लेना पड़ा। उन्हें एक पुत्र को जन्म देने पर इस श्राप से मुक्ति मिली। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, उनके पिता, केसरी, बृहस्पति के पुत्र थे, जो सुमेरु के राजा थे, जो एक क्षेत्र का नाम था जो किश्किंधा के आस-पास था, वर्तमान दिन कर्नाटक के विजयनगर जिले में है।
अंजना को कहा जाता है कि वे शिव को बेटे को जन्म देने के लिए बारह साल तक अत्यधिक तपस्या की थीं। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर, शिव ने उन्हें उन्हें उनका चाहने वाला पुत्र दिया। एकनाथ के भावार्थ रामायण में कहा गया है कि जब अंजना रुद्र की पूजा कर रही थीं, तब अयोध्या के राजा दशरथ भी ऋष्यशृंग के मार्गदर्शन में पुत्रकामेष्टि का अनुष्ठान कर रहे थे ताकि उन्हें संतान प्राप्त हो।
इस प्रकार, उन्हें कुछ पायसम (भारतीय खीर) मिली, जो उनकी तीन पत्नियों के साथ साझा करने के लिए थी, जिससे राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। दिव्य आदेश के अनुसार, एक चील (पक्षी) उस पायसम का एक टुकड़ा उड़ा और जंगल में जहां अंजना पूजा कर रही थी, वहाँ गिरा। वायु ने गिरते हुए पायसम को अंजना के बाहों में डाल दिया, जिसका उपभोग किया गया। हनुमान को उसके परिण
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हनुमान जयंती के उपाय और नियम
हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली को केवड़ा का इत्र गुलाब के फूल में डालकर अर्पित करें। इससे वे जल्द प्रसन्न होते हैं और नौकरी में आ रही बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। अगर आप लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो हनुमान जयंती के दिन घी में सिंदूर मिलाकर हनुमान जी को इसका लेप लगाएं। यह आरोग्य प्रदान करता है।
व्यापार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती पर सिंदूरी रंग का लंगोट बजरंगबली को अर्पित करें। हनुमान जयंती पर मंदिर की छत पर लाल झंडा लगाना शुभ होता है, इससे आकस्मिक संकटों से मुक्ति मिलती है। आर्थिक संपन्नता के लिए हनुमान जयंती के दिन एक सफेद कागज पर सिंदूर से स्वास्तिक बनाकर इसे पहले हनुमानजी को अर्पित करें और उसके बाद इसे अपनी तिजोरी में रख दें।
श्री हनुमंत स्तुति
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
निष्कर्ष
आज के इस ब्लॉग में हमने हाल ही में आने वाली हनुमान जयंती इस साल कितने तारीख को है? इस विषय से सम्बंधित विस्तार में जानकारी दी ही आशा है की यह लेख आपके लिए उपयोगी होगा। हनुमान जयंती का उत्सव हिंदू समाज में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है जो भक्तों को साधना, शक्ति, और विशेषता की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है। इस अवसर पर हम सभी को भगवान हनुमान के अनोखे आदर्शों और साहसिकता से ज्ञान लेना चाहिए। उसकी कृपा से हम सभी जीवन में सफलता, सुख, और शांति को प्राप्त कर सकते हैं। इस अद्वितीय पर्व के अवसर पर, आप सुब पर हनुमान जी का आशीर्वाद बना रहे। जय बजरंग बली।
हनुमान जयंती इस साल कितने तारीख को है ऐसे ही और ताजी खबरों के लिए हमारे साथ बने रहे हमारी वेबसाइट पर हम आपको पल-पल की Latest News आप तक पहुंचाते रहेंगे। यदि आपको हमारा यह Blog पसंद आया हो तो कृपया इसे शेयर करें। और ऐसी ही अन्य लेख को पढ़ने के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
1. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हनुमान जयंती कब मनाई जाती है?
उत्तर: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हनुमान जयंती पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
2. हनुमान जी का व्रत कब से शुरू करें 2024?
उत्तर: हनुमान जी का व्रत गणना के अनुसार 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार से शुरू करें।
3. असली हनुमान जयंती कब है?
उत्तर: इस बार 6 अप्रैल यानी चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन रामभक्त हनुमानजी की जयंती मनाई जाएगी।
4. कलयुग में हनुमान जी कहाँ है?
उत्तर: पुराणों के अनुसार, कलियुग में हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं।
5. हनुमान जयंती व्रत पर क्या खाना चाहिए?
उत्तर: मंगलवार के व्रत में आप बेसन के लड्डू खा सकते हैं। यह हनुमान जी को बेहद प्रिय है।
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